Feb. 10, 2017
by RoorkeeWeb
जिस समय चन्द्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह
साईकिल ले कर चलते थे उस समय
भीमराव अम्बेडकर भारत और इंग्लैण्ड
फ्लाइट से आते जाते थे,,
जब राम प्रसाद बिस्मिल जी भुने चने खा
कर क्रान्ति की ज्वाला में खुद जल रहे थे
तब भीमराव अंबेडकर ब्रिटेन के गवर्नर के
शाही भोज में शामिल होते थे,,
जब सारा भारत स्वदेशी के नाम पर
विदेशी कपड़ों की होली जला रहा था तब
भीमराव अम्बेडकर कोट पैंट और टाई पहन
कर चलते थे,,
जब भगत सिंह एक वकील को मोहताज़ था
तब बैरिस्टर वकील भीमराव अंबेडकर
अंग्रेज अफसरों के मुकदमे लड़ रहे थे ....
और अंत में वही बन गया भारत भाग्य
विधाता ........
उसी को मिली भारत की नींव भरने की
जिम्मेदारी ....
अंजाम सब देख रहे हैं,,
.
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कड़वा है पर शतप्रतिशत सत्य है
शायद किसी को हजम ना हो.....
Oct. 3, 2016
by Nitin Kumar
सादगी अगर हो लफ्जों में,
यकीन मानो,इज्जत 'बेपनाह',और
दोस्त 'बेमिसाल मिल ही जाते हैं..!!
जय श्री राम
"आपका दिन सुंदर व मंगलमय हो"
Oct. 3, 2016
by RoorkeeWeb
जीवन के हर मोड पर
सुनेहरी यादों को रहने दो
" जुबां पर हर,- "
" वक्त मिंठास रहने दो "
" ये अंदाज है जीने का
" ना खुद रहो उदास- "
" ना दुसरों को रहने दो "
जय श्री राम
"आपका दिन सुंदर व मंगलमय हो"