by RoorkeeWeb
बस 30 सेकण्ड्स में आपको आस पास की चीजें आगे पीछे घूमती हुई नजर आयंगी
दोसोन इंटरनेट की दुनया में बहुत सी ऐसी चीजें है जिनके बारे मे हम नही जानते हैं। आइये हम आपको 1 वेबसाइट पर ले चलते हैं जो अपको हेलसिनेशन की दूनिया मी ले जायगी और आपको असली दुनिया में अपने आस पास की चीजें आगे पीछे घूमती हुई नजर आयंगी
नीचे स्टेप्स ...
by Shoaib
दोस्तों ये जानकारी मुझे कल रेलवे स्टेशन पर लगे 1 पम्पलेट से मिली सोचा आप लोगो के साथ साझा करू ताकि अगर किसी तरह से इस परिवार की मदद हो पाए तो हमारे इस नेटवर्क का कुछ फायदा इस परिवार को हो पाए.
दोस्तों जब हमारे बीच में से किसी परिवार का कोई सदस्य कही गुम हो जाता है तो आप सभी जानते हैं पूरा परिवार एक तरीके से शोक और चिंता में डूब जाता है ...
by RoorkeeWeb
हालाँकि यह एक अस्थायी सेवा के रूप में प्रयोग की गयी थी लेकिन अगर हम भारत देश में पहली बार रेलगाड़ी के प्रयोग की बात करें तो यह 22 दिसंबर १८५१ को रुड़की से पिरान कलियर के बीच चली थी|
उस समय में किसानो की सिंचाई की समस्या को दूर करने के लिए नहर का निर्माण का काम चालू किआ गया जिसके लिए मिटटी की जरूरत को पूरा करने के लिए यह रेलगाड़ी ...
by RoorkeeWeb
और अंग्रेज़ों को पूरे एशिया महाद्वीप व भारत का पहला इंजीनियरिंग कालेज रुड़की में स्थापित करना पड़ा - थॉमसन कालेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग , रूड़की (वर्तमान म IIT रुड़की )
अप्रैल 1842 में अंग्रेज अधिकारी सर प्रोबे कोटले के नेतृत्व में गंगनहर निर्माण हेतू खुदाई प्रारंभ की गई , तथा गंगनहर के निर्माण कार्य व रखरखाव के लिए 1843 में नहर के किनारे canal workshop व Iron foundry की स्थापना की गई |
by RoorkeeWeb
क्यों की गयी रूड़की में छावनी (Bengal Engineers Group) की स्थापना
१८वीं सदीं में रूड़की सोलानी नदी के पश्चिमी तट पर बसा गांव था| तात्कालिक सहारनपुर जिले के पंवार(परमार) गुर्जरों (जो बड़गूजर कहलाते थे )की लंढौरा रियासत (पूर्व की झबरेड़ा रियासत)के अंर्तगत आता था| यह क्षेत्र गूजरों द्वारा शासित होने के कारण 1857 ई० तक " गुजरात(सहारनपुर)" कहलाता रहा , 1857 की क्रांति में गुर्जरो व रांघड़ो द्वारा किए गए भयंकर विद्रोहो ...
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